मतदाताओं का दु:ख बांटने की जिम्मेदारी सरकार की : सचिन पायलट
 





जयपुर। कोटा के एक सरकारी अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौतों पर सरकार के रुख को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में जारी जुबानी जंग के बीच पायलट ने एक बार फिर परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए बुधवार को कहा कि मतदाताओं का दुख बांटने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई परंपरा गलत है तो उसे तोड़ा जाना चाहिए। पायलट ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि एक तरफ जहां हम लोग गलत परंपराओं और गलत परिपाटियों को खत्म करने की बात करते हैं और जहां हम कहते हैं कि घूंघट से परहेज करना चाहिए .... एक अच्छी पहल की हम बात हम करते हैं। वहीं मैं समझता हूं कि अगर किसी घर में कोई मौत होती है तो उसका दुख बांटने के लिए, उसके आंसू पोंछने के लिए, उसके पास जाने की परंपरा नहीं है तो यह परंपरा तोड़नी चाहिए। पायलट ने आगे कहा,‘ सरकार की जिम्मेदारी होती है कि अपने मतदाताओं का दुख बांटने की, उनके घर में जाने की। छोटे बच्चों की अगर मौत होती है तो कोई तेरहवीं या तीये का कार्यक्रम नहीं होता लेकिन उनके मां-बाप के आंसू पोंछने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसे हमें मिलकर निभाना चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि कोटा के जे के लोन सरकारी अस्पताल में एक महीने में ही 100 सेअधिक नवजात शिशुओं की मौत के बाद राज्य की गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी थी। सरकार के किसी और मंत्री से पहले पायलट कोटा के प्रभावित अस्पताल में गए और कुछ प्रभावित परिजनों से मिलने के बाद सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कहा था,‘ बच्चों की मौत के मामले में सरकार की जिम्मेदारी और अधिक संवेदनशील होनी चाहिए थी।’